मकर संक्रान्ति का महत्व और इतिहास | Makara Sankranti Importance and History in Hindi

61
0
Makara Sankranti

मकर संक्रान्ति भारतीय पंचांग के अनुसार एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रान्ति को कई नामों से जाना जाता है जैसे उत्तरायण, खिचड़ी, तिलगुल, पोंगल, मघसंक्रांत आदि। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसे पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

मकर संक्रान्ति के दिन, सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और उत्तर भारत में ठंड की शुरुआत होती है। इस दिन से दिन का विस्तार होने लगता है और रात का समय कम होने लगता है। मकर संक्रान्ति से ऋतु परिवर्तन की शुरुआत होती है और वसन्त ऋतु के आगमन का संकेत मिलता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रान्ति उत्तरायण की शुरुआत मानी जाती है। उत्तरायण वह समय होता है जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में गति करता हुआ अपनी उत्तर गति शुरू कर देता है।

मकर संक्रान्ति का इतिहास बेहद प्राचीन है और इसका उल्लेख कई पुराणों में मिलता है। ऐसा माना जाता है कि महाराज भगीरथ ने अयोध्या में 5000 साल पहले इस त्यौहार की शुरुआत की थी। तभी से यह पर्व सदियों से मनाया जा रहा है।

मकर संक्रान्ति का अत्यधिक महत्व भारतीय संस्कृति में रहा है। यह कृषि पर आधारित समाज के लिए एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता था क्योंकि इस दिन नई फसल की कटाई शुरू हो जाती थी। किसान अपनी पुरानी फसल बेचकर नई फसल की तैयारियों में लग जाते थे। इस प्रकार, मकर संक्रान्ति एक कृषि उत्सव के रूप में मनाया जाता रहा है।

मकर संक्रान्ति पर स्नान-दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। लोग नदियों में स्नान करते हैं और दान का दावत रखते हैं। घरों में पूजा की जाती है और खिचड़ी जैसे व्यंजन बनाए जाते हैं। इस प्रकार मकर संक्रान्ति एक ऐसा त्यौहार है जिसमें कई रीति-रिवाज और परंपराएं शामिल हैं।

मकर संक्रान्ति के दिन का विशेष महत्व | Makara Sankranti Day Special Significance

  • मकर संक्रान्ति का दिन सूर्य उत्तरायण होने के कारण विशेष मान्यता रखता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव सक्रिय होते हैं और पृथ्वी पर अधिक सकारात्मक ऊर्जा बिखेरते हैं।
  • मकर संक्रान्ति पर सूर्योदय और सूर्यास्त विशेष समय पर होता है। सूर्योदय के समय स्नान-दान विशेष फलदायी माना जाता है।
  • मकर संक्रान्ति के दिन खास तरह की पूजा-अर्चना की जाती है जो इस दिन को और भी विशिष्ट बनाती है। मंदिरों में विशेष पूजा रखी जाती है।
  • कई जगहों पर मकर संक्रान्ति पर मेले का आयोजन किया जाता है जो इस दिन को बेहद खास बना देते हैं। कुंभ मेला भी मकर संक्रान्ति पर ही लगता है।
  • मकर संक्रान्ति पर गंगा स्नान और दान विशेष महत्व रखता है। लाखों लोग गंगा में स्नान करने के लिए इकट्ठा होते हैं।
  • मकर संक्रान्ति को लोग परिवार और दोस्तों के साथ मनाना पसंद करते हैं। यह परिवार जुड़ाव का त्यौहार भी माना जाता है।
  • कुल मिलाकर, मकर संक्रान्ति का दिन आस्था, उल्लास और सामूहिक उत्सव की भावना से परिपूर्ण होता है।

पूरे भारत में मकर संक्रांति

जबकि मकर संक्रांति के विभिन्न रूप पूरे भारत में मनाए जाते हैं, खासकर हिंदू आबादी के बीच, अलग-अलग नाम और रीति-रिवाज भारतीय फसल त्योहारों की विविधता को दर्शाते हैं:

क्षेत्रत्यौहार का नामअनोखे अनुष्ठान
तमिलनाडुपोंगलउबले हुए पोंगल चावल के व्यंजन प्रसाद के रूप में बहते हैं
पंजाबलोहड़ीमूंगफली, पॉपकॉर्न और मिठाइयों के साथ अलाव
असमभोगाली बिहूउरुका पर्व और कृषि जलधाराओं का स्नान
गुजरातउत्तरायणअंतर्राष्ट्रीय पतंगबाजी महोत्सव
महाराष्ट्रतिलगुल घ्या आणि गोड़ गोड़ बोलातिल और गुड़ से होता है सौभाग्य का आदान-प्रदान
केरलमकरविलाकुपवित्र कलाएँ और मंदिर के हाथियों का जुलूस

जबकि किंवदंतियाँ और उत्सव अलग-अलग होते हैं, मकर संक्रांति उत्सव लोगों को फसल का स्वागत करने, समृद्धि साझा करने और एक उज्जवल, गर्म भविष्य की आशा करने के लिए एकजुट करता है!

मकर संक्रान्ति कैसे मनाई जाती है? | How is Makar Sankranti Celebrated?

  • मकर संक्रान्ति भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है। इस दिन कई प्रकार की परम्पराओं और रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। मुख्य रूप से मकर संक्रान्ति इस प्रकार मनाया जाता है:
  • स्नान-दान – मकर संक्रान्ति पर लोग नदियों, तालाबों और कुओं में स्नान करते हैं। गंगा स्नान को बेहद पवित्र और पुण्यदायक माना जाता है। साथ ही लोग दान-पुण्य का भी विशेष महत्व देते हैं।
  • पूजा और हवन – घरों में सूर्य देव की पूजा की जाती है और हवन किया जाता है। मंदिरों में भी विशेष पूजाएं आयोजित की जाती हैं।
  • पतंग उड़ाना – मकर संक्रान्ति पर सभी उम्र के लोग पतंग उड़ाते हैं। यह इस त्यौहार की एक प्रमुख परंपरा बन गई है।
  • तिल-गुड़ का त्यौहार – मकर संक्रान्ति पर तिल और गुड़ से बने लड्डू खाए जाते हैं जिन्हें ‘तिलगुल’ कहा जाता है। ये इस दिन की विशेष मिठाई है।
  • हरियाली बिहारी – मकर संक्रान्ति पर हरियाली बिहारी खाई जाती है जिसमें नए अनाज से बनी खीर शामिल होती है।
  • बोनफायर और नृत्य – रात्रि के समय बोनफायर किया जाता है और लोक नृत्यों का आयोजन होता है।
  • परिवार से मिलना – लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलते हैं और उपहार आदान-प्रदान करते हैं।

इस प्रकार, मकर संक्रान्ति पर वैभवपूर्ण उत्सव मनाया जाता है और सामूहिक ख़ुशियों का आनंद लिया जाता है।

मकर संक्रान्ति पर विशेष व्यंजन और मिठाइयां | Special Dishes and Sweets for Makar Sankranti

  • मकर संक्रान्ति के अवसर पर कई प्रकार के विशेष व्यंजन और मिठाइयां बनाई जाती हैं, जो इस त्यौहार की ख़ासियत हैं:
  • तिल और गुड़ से बने तिलगुल – ये मकर संक्रान्ति की प्रमुख मिठाई हैं। तिल और गुड़ को मिलाकर गोल लड्डू बनाए जाते हैं।
  • पोपड़ – आलू के पोपड़ इस दिन बनाए जाते हैं। इन्हें चटनी के साथ खाया जाता है।
  • चिक्की – यह चने की दाल से बनाई जाने वाली एक खास डिश है।
  • गजक – गेहूं और जौ से बनने वाला यह एक स्वादिष्ट व्यंजन है।
  • तिल की खीर – तिल से बनाई गई खीर इस दिन का विशेष पकवान है।
  • मूंगफली चिक्की – इसमें मूंगफली और चने की दाल का मिश्रण होता है।
  • मक्के की खीर – मक्के से बनी मीठी खीर भी इस अवसर पर बनती है।
  • तिल लड्डू – ये लड्डू तिल से बने होते हैं और बेहद स्वादिष्ट होते हैं।
  • पुरनपोली – यह एक तरह का हलवा होता है जिसमें चावल और दूध होता है।

इसके अलावा पारंपरिक व्यंजन जैसे खिचड़ी, दलिया आदि भी बनाए जाते हैं। मकर संक्रान्ति की ये विशिष्ट मिठाइयां और व्यंजन इस त्यौहार की खासियत हैं।

मकर संक्रान्ति पर उड़ाए जाने वाले कुछ प्रमुख पतंग | Some Famous Kites Flown on Makar Sankranti

  • सूरज कटर – यह सबसे लोकप्रिय पतंग है जिस पर सूरज की तस्वीर होती है। इसे सूर्य देव के सम्मान में उड़ाया जाता है।
  • नभ कटर – नीले रंग की यह पतंग आकाश की ओर उड़ान भरती है।
  • मांझे कटर – यह एक प्रकार का डायमंड आकार का पतंग होता है।
  • फाड़ कटर – इस पतंग का उद्देश्य दूसरे पतंग को काटना होता है।
  • लहंगा कटर – यह एक लंबे आकार का पतंग होता है जिस पर लहंगा बना होता है।
  • नाग कटर – इस पतंग पर नाग की आकृति बनी होती है।
  • पंछी कटर – यह पतंग पक्षियों के आकार की होती है।
  • डोरी कटर – इसके सहारे कई छोटे पतंग उड़ाए जाते हैं।
  • इन पतंगों के अलावा कई क्षेत्रीय और स्थानीय पतंगें भी मकर संक्रान्ति पर उड़ाई जाती हैं।

मकर संक्रान्ति के विशेष मेले और उत्सव | Famous Fairs and Festivals for Makar Sankranti

  • कुम्भ मेला – यह विशाल मेला हर 12 वर्ष में एक बार मकर संक्रान्ति पर आयोजित होता है। यहां लाखों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं।
  • गंगा सागर मेला – यह मेला पश्चिम बंगाल में गंगा सागर संगम पर लगता है।
  • मथुरा का बृज महोत्सव – यह मथुरा का प्रसिद्ध सांस्कृतिक उत्सव है जो मकर संक्रान्ति पर मनाया जाता है।
  • मोदीनगर का साबरमती उत्सव – यह गुजरात में आयोजित होने वाला बड़ा उत्सव है।
  • हड़प्पा महोत्सव, तमिलनाडु – यह तमिलनाडु में भव्य रूप से मनाया जाता है।
  • इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल – यह गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित होने वाला विश्व प्रसिद्ध पतंग महोत्सव है।
  • मकरी मेला, उत्तराखंड – यह मेला गंगा नदी के तट पर लगता है और बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।

इसके अलावा देशभर में छोटे मेलों का भी आयोजन किया जाता है जो रंग-बिरंगे उत्सव का रूप लेते हैं।

मकर संक्रान्ति मनाने के कुछ उपयोगी टिप्स | Useful Tips for Celebrating Makar Sankranti

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और दान दें। यह दिन की शुभ शुरुआत के लिए अच्छा माना जाता है।
  • घर की साफ-सफाई और सजावट ध्यान से करें। घर में रंगोली बनाएं।
  • परिवार के सभी सदस्यों के साथ पूजा करें और प्रसाद बांटें।
  • जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े आदि का दान करें।
  • पतंगबाजी का पूरा आनंद लें और सुरक्षित तरीके से पतंग उड़ाएं।
  • बच्चों को पतंग उड़ाने और खिलौने बनाने में मदद करें।
  • छुट्टियों का आनंद लें और अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से मिलें-गुलें।
  • स्थानीय मेलों और कार्यक्रमों में भाग लें और मौज-मस्ती करें।

इन टिप्स की मदद से आप मकर संक्रान्ति का जश्न बेहतर तरीके से मना सकते हैं।

मकर संक्रान्ति पर कविताएं | Poems on Makar Sankranti

<कविता 1>

सूरज की लालिमा से पृथ्वी हुई पावन,
आया मकर संक्रान्ति का पावन पर्व नन्हा।
लाखों की भीड़ ने सजाया गंगा का किनारा,
धरती के कोने-कोने से आए लोग प्यारा।

रंग-बिरंगी पतंगें गगन में लहरा रही,
मीठे गीत गाकर बच्चे खुशियाँ मना रहे।
यह पावन अवसर हर दिल को करता सजीव,
मकर संक्रान्ति आई, मुबारक हो तुम्हें खूब जीव!

<कविता 2>

गंगा की लहरों में झूम उठा पूरा संसार,
आनंद-उल्लास से भर गया वातावरण प्यार।
सूरज की किरणों ने सजाया पृथ्वी का मन,
आया उत्सव का यह पावन पर्व मकर संक्रान्ति मन।

पतंगों की रंगीन उड़ानों ने भर दिया आकाश,
मिठाइयों के स्वाद ने बढ़ाया उल्लास और उमंग।
खेल-कूद के पल बिताए सबने आनंद से,
यादें बनाई प्यारे पलों की, दोस्तों के संग।

यह त्यौहार लाया हर घर में खुशियों की बहार,
सद्भाव का दिया संदेश, मकर संक्रान्ति का यह त्यौहार।
जीवन में बनाए रखें खुशियों के ये पल प्यारे,
मुबारक हो आप सभी को, मकर संक्रान्ति के ये दिन पावन प्यारे।

मकर संक्रान्ति पर निबंध | Essay on Makar Sankranti

मकर संक्रान्ति हमारे देश का एक प्रमुख त्यौहार है जो पूरे देश में बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार मकर राशि में सूर्य के प्रवेश का दिन होता है जो आमतौर पर जनवरी के मध्य से अंत तक आता है। इस दिन से ही उत्तरायण की शुरुआत हो जाती है और दिनों का बढ़ना प्रारंभ होता है।

मकर संक्रान्ति का अत्यधिक महत्व भारतीय संस्कृति में रहा है। प्राचीन काल से ही इस दिन को विशेष रूप से मनाया जाता रहा है। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसकी परंपराएं सदियों से चली आ रही हैं। वैसे तो देश के विभिन्न भागों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है, परंतु इसका मूल सिद्धांत और महत्व सर्वत्र समान ही है।

मकर संक्रान्ति एक ऐसा त्यौहार है जिसमें विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं का मिलन होता है। इस दिन लोग नदियों में स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, तिल और गुड़ से बनी मिठाइयां खाते हैं, पतंग उड़ाते हैं और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो इस अवसर पर हरियाली बिहारी की परंपरा भी रही है।

मकर संक्रान्ति एक ऐसा त्यौहार है जो कृषि पर आधारित हमारे समाज की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है। यह फसलों की कटाई का समय भी होता था और किसान इस अवसर पर नई फसल की बुवाई की तैयारियां करते थे। अतः यह एक ऐसा त्यौहार था जिसका किसानों की जीवनशैली से सीधा संबंध था। आज भी हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इसकी परंपरा का पालन करते हैं।

आज मकर संक्रान्ति का पर्व शहरों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। सभी समुदायों के लोग इसमें भाग लेते हैं। यह त्यौहार हमारी सांस्कृतिक एकता को दर्शाता ह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *